दिल्ली हिंसाः खुदाई खिदमतगार टीम के साथ हिंसाग्रस्त इलाकों में पहुंचे संत शिवानंद सरस्वती
दिल्ली हिंसा के घाव भरने में अभी लंबा समय लगेगा। लेकिन सामाजिक संस्थाओं और अमन कमेटियां लगातार लोगों के दर्द बांटने की कोशिश कर रही हैं। इसी क्रम में बुधवार को खुदाई खिदमतगार की एक टीम ने दिल्ली हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया और लोगों को राहत देने की कोशिश की।
इस टीम के साथ प्रसिद्ध हिंदू संत शिवानंद सरस्वती और स्वामी पुनियानन्द भी उपस्थित रहे। दोनों ही संतों ने सभी समुदायों से आपस में मिलजुलकर रहने की अपील की और कहा कि इस तरह के सांप्रदायिक झगड़ों से केवल आम शहरी नागरिकों का ही नुकसान होता है, इसलिए आपसी वैमनस्य छोड़ सभी शांति के उपाय अपनाने की कोशिश करें।
संतों ने ईदगाह, ब्रिजपुरी, मुस्तफाबाद के दंगाग्रस्त इलाकों में पहुंचकर दंगा प्रभावितों से मुलाकात की। स्वामी जी ईदगाह पर बनाए गए रिलीफ कैंप में भी पहुंचे और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि देश के सभी धर्मो के लोग एक हैं। उन्होंने कहा कि जब जल, हवा, सूरज और संपूर्ण सृष्टि सबको एक तरह से रखती है, तो किसी से भेदभाव और हिंसा क्यों करनी चाहिए।
यह सांप्रदायिक सोच कुछ गलत लोगों के इशारे पर फैलाई जाती है और इसका फायदा उठाया जाता है। लोगों को किसी भी तरह के अफवाहों से दूर रहना चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के सभी धर्मो के लोग एक हैं। उन्होंने कहा कि जब जल, हवा, सूरज और संपूर्ण सृष्टि सबको एक तरह से रखती है, तो किसी से भेदभाव और हिंसा क्यों करनी चाहिए।
यह सांप्रदायिक सोच कुछ गलत लोगों के इशारे पर फैलाई जाती है और इसका फायदा उठाया जाता है। लोगों को किसी भी तरह के अफवाहों से दूर रहना चाहिए।
दोनों संतों के नेतृत्व में लोगों ने 'इंसान का इंसान से हो भाईचारा, यही पैगाम हमारा' गाते हुए और सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने के नारों के बीच ईदगाह से फारूकिया मस्जिद तक शांति मार्च निकाला।
इन जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी, जिससे भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने मस्जिद और मदरसा कमेटी से मिलकर कहा कि इस वक्त में वे उनके साथ खड़े हैं।
इन जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी, जिससे भारी नुकसान हुआ था। उन्होंने मस्जिद और मदरसा कमेटी से मिलकर कहा कि इस वक्त में वे उनके साथ खड़े हैं।